रखें मन में आशा, दूर रखकर निराशा। रखें मन में आशा, दूर रखकर निराशा।
बस एक बार वह मंजर पालूँ फिर तो मौत में भी मजा है। बस एक बार वह मंजर पालूँ फिर तो मौत में भी मजा है।
शर्म आती हैं आज मुझे मानव को मानव कहने में शर्म आती हैं आज मुझे मानव को मानव कहने में
आंखों आंखों में प्यार का किया इकरार तो अब लबों को भी दो आवाज। आंखों आंखों में प्यार का किया इकरार तो अब लबों को भी दो आवाज।
सुन यार ये इश्क़ रूह से रूह का था तुम ही बोलो इसे कैसे भूल जाये हम। सुन यार ये इश्क़ रूह से रूह का था तुम ही बोलो इसे कैसे भूल जाये हम।
हरो आप स्वामी कुबुध्दी हमार। करो दूर मेरे दुखो का पहार।।३।। हरो आप स्वामी कुबुध्दी हमार। करो दूर मेरे दुखो का पहार।।३।।